स्त्री जब हँसती है
स्त्री जब हँसती है
तब पुरुष सोचता है कि
स्त्री, उसके लिए हँसती है
उससे प्रेम पाने के लिए हँसती है
या स्त्री लंपट है इसलिए हँसती है
नहीं, ये बिल्कुल सही नहीं
स्त्री जब हँसती है
तब वह अपनी हँसी को जीती है
हँसी में खोजती है
खुद को
स्त्री जब हँसती है
तो सिर्फ वह हँसती है
अपने लिए।
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