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Showing posts from June 19, 2023

त्रिशंकु

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  कहानी की लेखिका: शशि श्रीवास्तव  जैसे-जैसे साँझ का सुरमई रंग गहराता जा रहा था , ड्राइवर बस की रफ्तार बढ़ाता जा रहा था। फतेहपुर आते-आते समूची कायनात का मुँह काला हो गया। जैसे– उसने जानते-बूझते इस तरह के वक्त का चुनाव किया था कि फतेहपुर पहुँचते-पहुँचते रात हो जा जाये।  दरअसल वो सबसे पहले अपने मामा से मिलना चाहता था। दिन के उजाले में बस-स्टेशन से घर तक न जाने कितने जानने वाले मिलते और उसकी गुमसुदगी के बावत कई सवाल दागते जाते। एक ना चाहा हुआ व्यवधान उत्पन्न होता और घर पहुँचने में देर भी जाती।  फतेहपुर के नाम पर वह अपने मामा से सीधे मिलने को बेचैन हो जाता है। उसका वश चले और सुविधा हो-तो वह हवा के परों   पर सवार होकर सीधे मामा के पास पहुँच कर ही उतरे। और मामा उसे देखते ही पहले तो मुँह फेरकर बैठ जाएँगे फिर झूठा गुस्सा दिखाएँगे पर ज्यादा देर उनका गुस्सा टिक नहीं पायेगा ।  वे गुस्सा झटक कर उसकी ओर घूम जाएँगे ।  मामा का नकली गुस्सा , भीतर से फूटती मुस्कान को जबरन दबाएगा मगर वे प्रश्नाकुल निगाहों से उसकी ओर देखने लगेंगे। उस पर जब उन्हें ये पता चलेगा कि उनका सोमू जीवन की मुख्यधारा में शामिल हो गय

एक पत्ता चाँद कहानी भालचंद्र जोशी

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समय के प्रतिष्ठित एवं ख्याति लब्ध लेखक भालचंद्र जोशी की कहानी "एक पत्ता चाँद" पर कल्पना मनोरमा की टिप्पणी! स्त्री-अस्तित्व की सहज स्वीकारोक्ति   की कहानी है एक पत्ता चाँद !   बहुपठित व प्रतिष्ठित लेखक भालचंद्र जोशी जी की कहानी “ एक पत्ता चाँद ” अभी हाल ही में पढ़ी। कहानी पढ़ते हुए जो सबसे पहले ख्याल आया , ये कहानी बाहर से नर्मदा उसके वन्य क्षेत्र , बाढ़ और बस्तियों के अतिक्रमण की बात भले कहती दिख रही हो लेकिन है ये पूरी तरह प्रकृति और पुरुष की तादात्म की , उनके नैसर्गिक-प्रेमिल संबंधों की कहानी है। पुरुष के द्वारा पूरे मन से स्त्री अस्तित्व के स्वीकारोक्ति की कहानी है। स्त्री के स्वतंत्र निर्णय लेने की कहानी। पुरुष के द्वारा क्रियाशील व विवेकी मुखर स्त्री को सुनने , समझने और देखने की कहानी पढ़ते हुए ये भी लगा कि विमर्श और अर्थ के बिना पर यह कथा बहुपरतीय बन पड़ी है।     सदियों से चलते-चलते स्त्री-पुरुष उस दौर में आकर खड़े हो गये हैं जहाँ छीना-झपटी , अविश्वास , अंधविश्वास , हिंसा , रिश्तों में धोखाधड़ी का दौर अपनी ऊँचाइयों पर चढ़कर बोल रहा है। यहाँ कौन किसे नीचे धकेल रहा है बताया नहीं