Posts

Showing posts from December 12, 2021

माँ केवल देह नहीं होती

Image
  चित्र- अनुप्रिया  माँ के होने से बच्चों के सपने होते हैं, न होने से सारे सपने मर जाते हैं ।  फिर हम चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएँ। जिंदगी की भागम-भाग के सपने तो रोज़ ही आते हैं लेकिन उन सपनों में धरती से विदा गयी हुई माँ कभी नहीं आती। मनुष्य रोये या हँसे यही शायद दुनिया की रीति है ।  लेकिन मेरी दुनिया तो तुमसे अब भी जुड़ी है । तभी तो  जब-जब मैं कमज़ोर पड़ती हूँ , उन पलों की सूचना न जाने कौन तुम्हें दे देता है। जो तुम मेरे उदास होकर या रोकर सोने पर मेरे सपनों में दौड़ी चली आती हो और  मेरी सुबह, उर्जावान होकर मुझे अपने कन्धों पर उठा लेती है । सुना है संसार से जाने के साल-ओ-साल बाद तक आत्माएँ उसी घर में रहती हैं, जिसे उन्होंने जिंदा रहते बनाया होता है। वे अपने ना होने में अपनों को देखती हैं । विलाप भी करती हैं लेकिन मौत के बाद का रोना कभी जीवन सुनता नहीं है ।  फिर उन आत्माओं का तारतम्य मिथ्या जगत से जल्दी ही टूट जाता है ।  समय का खोखलापन जितना ज़िन्दा व्यक्तियों को पेरता है उतना ही आत्माओं के सन्नाटेदार खगोलीय जीवन को भी परता है । एक दिन  सत्य के अवगाहन में लगी  आत्माओं के लिए संसार खत