Posts

Showing posts from December 16, 2022

मानवीय अपेक्षाओं-उपेक्षाओं की कहानियाँ

Image
  अभी हाल ही में मैंने सुधांशु गुप्त का कहानी संग्रह ' उसके साथ चाय का आखिरी कप ' पढ़ा जो काफी चर्चित रह चुका है। इन कहानियों में एक ऐसा झरोखा है जो अनवरत खुला रहता है। उसी से झांकते हुए लेखक जीवन का स्थाई भाव उदासी और मेहमान सरीखे उल्लास को अपनी वैचारगी से देखता रहता है। इस संग्रह की कहानियों में कई एक प्रेम कहानियाँ भी हैं। लेकिन उन कहानियों में जो कथा नायक प्रेमी है , वह उच्छृंखलतापूर्ण रवैया नहीं अपनाता। वह जीवन-प्रेम के प्रति उत्सुक तो है लेकिन किसी भी प्रकार से स्त्री प्रेमिका को ठगता या ‘ चीट ’ नहीं करता है। उसके लिए प्रेम इत्मिनान है , वह मानव मूल्यों को संजोकर चलने में विश्वास रखता है।आपकी कहानियों की भाषा , बिंब , प्रतीक और सौन्दर्यबोध दुरूह नहीं है।   इस संग्रह की ही नहीं , आपकी ज्यादातर कहानियाँ छोटे आकार की होती हैं लेकिन लेखक जिस मुद्दे को अपनी कहानी में उठाता है , वह मुकम्मल और वैचारिक रूप से ज़ोरदार होता है। किसी मामूली-सी बात को उठाकर कहानी में ढाल देना आसान नहीं लेकिन सुधांशु गुप्त इस कला में सिद्धहस्त हैं। उनकी कहानियाँ पढ़ते हुए लगेगा कि कहानी का विषय क्या