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Showing posts from July 30, 2023

"हिंदी हैं हम" की प्रस्तुति

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देर कभी नहीं होती

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  आलस्य छोड़ अच्छे पाठक की तरह अब जिन किताबों को मैंने खरीदा है उन्हें और जो स्नेह स्वरूप सुहृदय लेखकों के द्वारा भेंट की गईं हैं , एक एक कर पढ़ना शुरू कर रही हूं। समय समय पर अपने अभिमत से अवगत भी करवाती रहूंगी। उसी क्रम में आज Asha Pandey जी की अधपढ़ी किताब # देर _ कभी _ नहीं _ होती जो Bhavna Prakashan से प्रकाशित है , पुन: शुरुआत की है। कहानी पढ़ते हुए मेरा पाठक मन कुछ बातों पर गहरे ध्यान देता है। जैसे कहानी का शीर्षक , भाषा , शिल्प और कथ्य को प्रस्तुत करने के लिए लेखक के द्वारा कथोप कथन का विश्वसनीय चुनाव और कथा का आरंभ और अंत। इस लिहाज़ से अगर मैं कहूं तो आशा पांडेय जी की कहानियां पाठक को न सिर्फ़ बांधने में सक्षम हैं , बल्कि दर्द की महीन किरचें पढ़ने वाले के सोचने और महसूस करने वाले मन में गहरे धंस जाती हैं। आपकी कहानियों में दोनों धाराएं बराबर स्फूर्त चलती हैं। जितनी बाह्य धारा में दृश्य क्रम से चित्रित होते हैं , उतनी ही कहानी की अंतर्धारा में भी विश्वसनीयता होती है। देर कभी नहीं होती कथा संग्रह में भाषा की सहजता के साथ कथ्यात्मक अर्थ की संशलिष्टता भी देखने को मिलती है। क

खुद को बड़ा मान लेना

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  बहुत देर सोचते रहे हम! फिर याद आया की  सब कुछ होने के साथ यदि थोड़ा न होना भी होते हम तो क्या ही होते! सब कुछ होने में सबसे ज्यादा खटकता है खुद को बड़ा मान लेना कमबख्त ये "बड़ा" शब्द अगर न जुड़ा होता हमसे तो बनी रहती हमारे पास बड़ी-सी विनम्रता ज्यादा-सी मानवता और सजीवता के साथ प्रेम भी इस तरह  बड़े न होकर  हम  पाते प्रेम सबसे और कहलाते मानव!  ***