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Showing posts from May 7, 2023

आख़िरी सिगरेट

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चित्र : अनुप्रिया  " समय अच्छे अच्छों को बदल देता है। "   सब यही कहते हैं लेकिन तुम कहाँ बदले ? कहने को तुम साठ के उस पार और मैं पचपन के…। दोनों के सिर पर चाँदी पसर चुकी है। फिर भी हम एक दूसरे के प्रति प्यार नहीं जता पाते। बात बात में   लड़ पड़ते हैं। बच्चे जब किशोरावस्था में थे तो इन्हीं बेवकूफियों पर हँस पड़ते थे। ऐसा बिल्कुल मत सोचना कि बच्चे हमें कम अक्ल मानते थे, वे तो हमारे मनमुटाव को पल में तिरोहित करने का एक खिलंदड़ा उपक्रम रचते थे। उन्हीं की तरह मैंने भी दिल के किसी अज्ञात कोने में आशा का नन्हा दीपक जला रखा था। सोचा था , जब हमारे बच्चे बड़े हो जायेंगे तो हमारी ‘ अरेंज मैरिज ’ ‘ लव मैरिज ’ में बदल जायेगी। तुम बदल जाओगे। हमारे जीवन जीने के ढर्रे बदल जायेंगे। तुम मेरी अतिरिक्त देख-रेख , मान-मनुहार करने लगोगे और मैं मचल मचल कर दर्पण निहारा करूंगी। इस तरह, मेरी सारी उधारी चुकता हो जाएगी। मैं ये सोचकर इतराऊँगी कि मैं भी उन भाग्यशाली पत्नियों की कतार में शामिल हो गयी हूँ जो कभी मेरे सपनों का विषय हुआ करती थीं। लेकिन मैं भला सही कैसे हो सकती थी! तुम्हारी पत्नी जो ठहरी। सच

नीम के फूलों वाली शाम

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नीम के फूलों वाली मई की एक शाम बुलाती है हम दोनों को तो आओ चलें कहीं दूर किसी नदी के किनारे पर मचलती हवाओं के संग डोलकर उतर चलें निर्झरिणी के बीचोंबीच लहरों की गलबहियों में खोज लाएं अपने को अलग अलग किन्तु बने रहें बिल्कुल साथ भी   तुम्हारी पलकों पर सिर्फ नहीं हमारी पलकों पर फूल उठेगा केसर फिर रंग और खुशबू की साझेदारियां हमें अभीष्ट  बनाएंगी   चलो मौसम की कलरव पर बन जाएं हम कोयल के संगी सुने और सुनाएं अपने मनवांछित गीत एक दूजे को प्रेम में डूबकर   नीम के फूलों से झरती मधुगंध में सराबोर सहजीवन को किसी की नज़र न लगे आओ निहारें पीतल की परात में उतर आए चांद को हम दोनों साथ साथ।। ****