सुंदर लड़के

सुनो सुंदर लड़के 
सुंदर होना निजी उपलब्धि की तरह 
मत देखा करो
यह एक साँझी घटना है
जिसमें तुम्हारा कम,
एक स्त्री का जागना ज्यादा 
मानीखेज बन पड़ा है

जब दर्पण के सामने
खुद पर मुग्ध होने का मन करे,
तो ठहर जाया करो
याद किया करो 
नींद भरी उन आँखों को,
तुम्हारी आँखों में 
ठहर सके चमक 
भूली रही थीं सोना 
उम्र के विस्तार भर 

और ये भी कि बुरी नज़र 
सिर्फ़ तुम्हें ही नहीं लगती
उन हाथों को भी लगती है
जो रह गए तुम्हारे पीछे

जब करे मन 
अपने अस्तित्व पर इतराने का
लगा लिया करो चुपके से 
स्मृति का काला टीका
कान के पीछे

सुंदर होने की
न्यूनतम नैतिकता 
थामें रहेगी तुम्हारा हाथ।

कल्पना मनोरमा

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