तुम घबराना मत!

 


जब लगने लगे दुनिया में तुम्हें चाहने वाला कोई भी नहीं बचा है, तो भी तुम घबराना मत! न ही भयाभय सन्नाटों से मात खाकर आत्मदाह करने की सोचने लगना।

हाँ, एक काम तुम ज़रूर करना। तुम खुद को बेजोड़ चाहने लगना।फिर देखना समय तुम्हारे लिए हँसी और मानवीय पहलकदमी के कैसे-कैसे मौके खोज-खोज कर जोड़ लाएगा कि तुम दंग हुए बगैर न बच सकोगे। लेकिन ये सब कुछ बहुत जल्दी, पलक झपकते नहीं होगा इसलिए तुम्हें धैर्य धरना भी सीखना होगा।

***

 

 


Comments

Popular posts from this blog

एक नई शुरुआत

आत्मकथ्य

बोले रे पपिहरा...