"एक सपना लापता"
सपनों
का मरना अर्थात जीवन से त्वरा का सिमट कर मृतप्राय हो जाना है। जीवन से पुलक का
नष्ट हो जाना है। कोमल कांत वस्तुओं और मनोभावों का ठोस हो जाना होता है।
खैर,
यहां देखने की बात ये है कि भावना जी सपना मरने या टूटने की बात नहीं
कह रही हैं। वे कह रही हैं कि सिवा एक सपने के बाकी सपने उनके पास खुशी के रूप में
सुरक्षित हैं और उनके पास जो सपने हैं वे उन्हें सब ओर से हराभरा और सुंदर भी रख
रहे हैं। लेकिन कोई एक सपना था जो न चाहते हुए भी लापता हो गया है।
क्या
लापता होने वाला सपना मूडी, जिद्दी या सनकी
था? या बेहद भावुक और नरम दिल था जो दुनियावी हेर फेर
से परे होकर डोल रहा था इसलिए गुमराह होकर रास्ता भटक गया? कुछ
नहीं पता। ये तो कृति को पढ़कर ही जाना जा सकेगा।
लापता
हुआ सपना कितना रोचक और महत्वपूर्ण था उसकी बिना पर अब वह ढूंढा जायेगा। फिलहाल
मुझे शीर्षक बहुत अच्छा लगा ...... किताब मिलने पर बताऊंगी कि सपना स्त्री,
पुरुष,बच्चा या किसी विद्यार्थी का था जो लापता हो गया
है।
वैसे
दुआ तो यही करती हूं कि सपना किसी का न लापता हो और न ही टूटे। इन्हीं शब्दों के
साथ भावना जी को अनेक
बधाई
और
शुभकामनाएं आपका विचार विमर्श खूब पढ़ा और सराहा जाए।
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