पिता
हम ने कहा पिता
एक आवारा लड़के को
वो ठिठक गया जमीन पर
और ओढ़ लिया आसमान
एक आवारा लड़के को
वो ठिठक गया जमीन पर
और ओढ़ लिया आसमान
हमने बढ़ाये हाथ उठने को ऊपर
उसने उठा लिया हिमालय
अपने काँधों पर
जिन पर रखी थी अभी तक
मौज उसने
उसने उठा लिया हिमालय
अपने काँधों पर
जिन पर रखी थी अभी तक
मौज उसने
हमने देख कर मुस्कुराया
पिता बने उस लड़के की ओर
जो अभी तक दे रहा था महत्व सिर्फ
अपनी हँसी को
वह भूलने लगा अपनी खुशी
और घोलने लगा अपने दुःख
हमारी हँसी में
पिता बने उस लड़के की ओर
जो अभी तक दे रहा था महत्व सिर्फ
अपनी हँसी को
वह भूलने लगा अपनी खुशी
और घोलने लगा अपने दुःख
हमारी हँसी में
हमने तुतलाकर कहा बाबा
वह जोड़ने लगा अपनी सीखी हुई
तमाम इबारत
हमारे टूटे-फूटे अक्षरों में
वह जोड़ने लगा अपनी सीखी हुई
तमाम इबारत
हमारे टूटे-फूटे अक्षरों में
हमने बढ़ाये क़दम जब बाहर की ओर
वह करने लगा प्रार्थना
उस दुनिया से जो अभी तक बेगानी थी
उसके लिए
वह करने लगा प्रार्थना
उस दुनिया से जो अभी तक बेगानी थी
उसके लिए
हमने सम्हाली अपनी चाल
वह बदलने लगा लाल कार्पेट में
और बिछ गया वहाँ तक
जहाँ तक हम चल सके
वह बदलने लगा लाल कार्पेट में
और बिछ गया वहाँ तक
जहाँ तक हम चल सके
हमने जब सँवारी अपनी टाई
और चमकाए अपने बूट
तो पिता बना वह आवारा लड़का
चुपके, बिना आहट किये सजाने लगा
दिन के वे कोने
जो ओझल थे उसकी आँखों से
अभी तक
और चमकाए अपने बूट
तो पिता बना वह आवारा लड़का
चुपके, बिना आहट किये सजाने लगा
दिन के वे कोने
जो ओझल थे उसकी आँखों से
अभी तक
हमने बनवाई ब्रास की
नेमप्लेट अपनी
वह छिप गया हमारे नाम के पीछे
और हँसकर कहा
मैं इसका पिता हूँ।
नेमप्लेट अपनी
वह छिप गया हमारे नाम के पीछे
और हँसकर कहा
मैं इसका पिता हूँ।
-कल्पना मनोरमा
21.6.2020
21.6.2020
Good
ReplyDeleteसुन्दर
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