कहानी "कोचिंग रूम" पुरस्कृत

"माँ धनपती देवी स्मृति कथा साहित्य सम्मान 2023" में कहानी "कोचिंग रूम" को विशेष प्रोत्साहन.....!

अध्यापक होने के नाते प्रोत्साहित तो बहुत किया है लेकिन प्रोत्साहन मिलने का स्वाद पहली बार चख रही हूँ। इस पुरस्कार के मिलने पर मुझे वे विद्यार्थी, खिलाड़ी और गायक याद आ रहे हैं, जिन्हें सांत्वना या प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा जाता रहा है। जब जब किसी प्रतियोगी को ये पुरस्कार मिला होगा, उनके प्रशिक्षकों ने उन्हें दिलासा बहुत दी होगी कि यहाँ तक पहुँचना भी बड़ी उपलब्धि होती हैं। "ये मिलना कोई प्रथम आने से कम है क्या?" वगैरह वगैरह .......!

लेकिन बार-बार ऐसा कहे जाने के बाद भी प्रतिभागी के मन के अंदरूनी भाग में एक टीस रह-रह कर उठती रहती होगी कि आख़िर प्रथम क्यों नहीं? जबकि अंकों में देखा जाए तो दो-चार अंकों का ही हेर-फेर रहता होगा।

आज अपने वे विद्यार्थी बहुत याद आ रहे हैं, जिन्होंने मेरे कहने के बाद सांत्वना को सांत्वना देकर पीछे छोड़ते और मुस्कराते हुए आगे बढ़ गए।

मैंने अपनी लेखन यात्रा कविता, दोहा, गीत नवगीत से शुरू की थी। कहानी लिख सकूँगी कभी सोचा नहीं था। लघुकथा लेखन 2016 से प्रारंभ किया और 2020 तक आते-आते साहित्य की मुख्य विधा कहानी लेखन की ओर मुड़ गई।

दो ढाई सौ कहानियों में से निकलकर पाँचवें नंबर या विशेष प्रोत्साहन तक पहुँचना तब और अच्छा लगने लगता है, जब अपने कथा लेखन यात्रा की उम्र मात्र तीन से चार वर्ष ही रही हो। खैर!

इस उपलब्धि पर कथा समवेत के निर्णायक मंडल के प्रति,अपने प्रिय मित्रों और शुभचिंतकों के प्रति और कट्टर आलोचक अपने पति राजीव एवं दोनों बेटों के प्रति भी हार्दिक आभार ज्ञापित करती हूँ।

अपने आप से एक वादा और दिलासा कि लक्ष्य प्राप्ति में अधूरा छूट जाना जीवित रहने की प्रबल प्रक्रिया है। अस्तु!!

07-11-2023


मित्रो,

मां धनपती देवी स्मृति कथा साहित्य सम्मान 2023 हेतु आयोजित अoभाo कहानी प्रतियोगिता का परिणाम घोषित करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा हूं। दो चरणों में हुए मूल्यांकनोपरांत परिणाम इस प्रकार रहा है...

1.. डॉo सूरज सिंह नेगी( टोंक, राज०) की कहानी "मास्टर जी की चिट्ठी" को प्रथम स्थान मिला है।

2..द्वितीय स्थान पर डॉo आरती लोकेश (दुबई) की कहानी "गजदंत" रही है।

3..बीकानेर, राजस्थान की इन्जीo आशा शर्मा की कहानी "अधूरी " को तीसरा स्थान मिला है।

इसी क्रम में तीन कहानियां विशेष प्रोत्साहन सम्मान हेतु चयनित हुई हैं...जिसमें श्यामल बिहारी महतो की कहानी "ढुकनी",यशोधरा भटनागर (देवास मध्य प्रदेश) की कहानी "कृष्ण,कृष्णा और कुंज" तथा नई दिल्ली की कल्पना मनोरमा की कहानी "कोचिंग रूम" शामिल हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच चयनित ये कहानियां निःसंदेह अपनी कुछ खास खूबी के साथ पाठकों का ध्यान खींचने में समर्थ होंगी।

अन्तिम चरण मूल्यांकन में इस बार तीन प्रांतों के निर्णायक साथियों में नई दिल्ली से आलोचक/समीक्षक डॉo हरेराम पाठक, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से कहानीकार सुश्री शाम्भवी तथा ओडिसा भुवनेश्वर से कहानीकार-कवि, समीक्षक विजय कुमार तिवारी जी का सहयोग प्राप्त हुआ। समय से परिणाम उपलब्ध कराने के लिए इन साथियों को धन्यवाद । पुरस्कृत रचनाकारों को बधाई एवं सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार ...।

20 दिसंबर 2023 को सुलतानपुर में आयोजित रचनाकार सम्मान समारोह में आप सभी आमंत्रित हैं। दो सत्रों के प्रथम सत्र में रचनाकारों, निर्णायकों का सम्मान व वक्तव्य तथा दूसरा सत्र "हिन्दी कहानी का वर्तमान और वर्तमान की कहानी" विषय के विचार विमर्श पर केंद्रित होगा ।

शोभनाथ शुक्ल, सुलतानपुर

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