गहरे नीले बादल - चित्र-चरित्र

 

गहरे नीले बादल : bluest clouds : 5.6"×8", colour pencil on paper : prayag shukla

बादल धरती पर नहीं बनते। अगर ऐसा होता तो सच में बादल #गहरे_नीले होते। आसमान काला और धरती सफेद होती। रंग भी जादू करते हैं। नीला रंग आसमान का बादलों से ढंक जाए तो धूसर हो उठता है। काले बादलों से बचपन का संबंध है इसलिए वे अपने से लगते हैं। कच्चे संबंध जब पकने तक साथ बने रहते हैं तो वे अपने साथ एकमेव हो जाते हैं।

रंग अपनी भाषा बोलते हैं। जब किसी से मिलते हैं तो एक नई बात के साथ अपनी जीवन यात्रा शुरू कर देते हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि रंग किसी दूसरे रंग से गले मिलें और उसके जीवन में बदलाव न आए। रंगों की दुनिया में ऐसा असंभव है।

सुनो! तुम जब रेगिस्तान में बेचैन होने लगो तो चेरापूंजी चले आना। मैं बादलों के नज़दीक रहती हूँ। मेरे नज़दीक एक नदी रहती है और नदी के ठीक दाहिनी ओर एक तालाब है। तुम तालाब पर मत ठहरना, उसके किनारे एक पतली सी नदी की शाखा बहती है, लोग उसे कूल कहते हैं। बस उसी के किनारे से जो थोड़ा सा नीचे की ओर झुका रास्ता है, उस पर चलते हुए उत्तर दिशा की ओर चले आना।

वैसे तो बारिश बादल की महबूबा है लेकिन उसे पवन से मोहब्बत है। आज बादल सुबह से झुके हैं। मैंने बासंती रंग ओढ़नी ओढ़ी है ताकि तुम्हें दूर से दिख सकूँ। हो सकता है तुम्हें रास्ते में कहीं बारिश भीगते हुए मिल जाए। तुम रुकना मत! वह खोखली और झूठी है क्योंकि सुबह से मैं बाहर बैठी हूँ फिर भी गीली नहीं हुई हूँ।

याद रखना बादलों में बिजली भी रहती है। वैसे मुझे लगता नहीं कि बिजली की जाति इतनी सीधी है कि वह खामोशी से बादलों की मुट्ठी में दुबकी रहे। सही मायने में बिजली बादलों की ईर्ष्या है। हां आप उसे क्रोध भी कह सकते हो। जब बारिश बादलों का कहना न मानकर हवा के इशारों पर नाचती है तब बादल के पास गुर्राने के सिवा कुछ बचता नहीं।

खैर, तुम कूल से थोड़ा पानी लिए आना। रास्ते में एक सरकारी नल वर्षों से खड़ा है। उसका गला कई दिनों से सूख रहा है। उसे वह जल पिला देना और जो बादल मेरे हिस्से का लिए आ रहे हो, उसे बचाए लाना। तुम्हें बताती चलूँ, घर के बगल में एक बहुमंजली बिल्डिंग बन रही है। जब से उसका रेबार फैला है तब से आसपास के कुंए, नल, झील, झरने और आँगनों में गड़े नल स्तब्ध हो अपना होना भूल चुके हैं। लंबे लंबे खंभों में निकले लोहे के सरियों में उलझकर आसमानी बादल फटकर चिथड़े चिथड़े हो गए हैं।

कुछ बनने और बनाने की होड़ में, मैंने सोचा है कि हम दोनों मिलकर धरती पर बादलों की एक फैक्ट्री खोलेंगे।आसमान में बनने वाले बादल काले, भूरे होते हैं। हम लोग गहरे नीले बादलों को बनायेंगे। गहरे नीले बादल थोड़े जिद्दी ज्यादा मेहनती और मिलनसार भी होंगे। अपनी फैक्ट्री के बादलों को गाड़ी में लाद कर हम गाँव-गाँव शहर-शहर बेचने चला करेंगे। लोग अपने पुराने कपड़ों और पुराने गंदे पिचके बर्तनों से गहरे नीले बादल खरीदकर खुश होंगे तो हमें अच्छा लगेगा क्योंकि बादल सिर्फ पानी ही नहीं देते खुशी भी देते हैं।

बस तुम जल्दी आ जाओ। फिर दुनिया भर की एल्कोहल की दुकानों में अपने बादल बेचने की बात पक्की करो। दुकानों में रखे बादल बोतलों में भरे नशे को सोख कर पानी में तब्दील कर देंगे और लोगों के घर टूटने से बच जायेंगे। मेरा विश्वास है, बेचने वाले और खरीदने वालों को जिंदगी का सच्चा लुत्फ उसी दिन मिलेगा। पानी की भाषा मुझे सीखनी नहीं पड़ी मगर बाज़ार की भाषा, मैं आज तक सीखकर भी सीख नहीं पा रही हूँ इसलिए प्रतीक्षा में हूँ।

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