अच्छी माँएँ

 


अच्छी माँएँ 
बच्चों की नाराजगी की
चिंता नहीं करती हैं
वे उनके भविष्य की उधेड़-बुन में
अपने आप को उधेड़ती रहती है
जीभर लम्बाई और चौड़ाई में

अच्छी माँएं बच्चों के व्यक्तित्व को

ऊपर-ऊपर से लीपकर

नहीं बनाती हैं चिकना

वे बेटियों-बेटों को पाथती रहती हैं

कण्डों की तरह 


चाहकर भी वे नहीं छोड़ पाती हैं

बच्चों के जीवन का एक भी कोना 

बिना थपका हुआ


इसके बदले में बच्चों की ओर से

माँओं को नहीं मिलता

प्यार-सौहार्द

उन्हें मिलती है बच्चों की तरफ से

बेरुख़ी नाराज़गी


लेकिन वे बिना परवाह किये

फिर भी मढ़ती रहती हैं

अपनी कर्तव्यों की ढोलक 

अंधे खटीक की तरह

लगन और मेहनत से


शायद अच्छी माँएँ चाहती हैं

अपनी नहीं बच्चों की चिर हँसी

वे नहीं देखती हैं

नजदीक का अपना स्वार्थ


अच्छी माँओं के पास

होती है दिव्य दृष्टि

वे देखती हैं बच्चों के भविष्य को

उनके आखरी मोड़ तक


वे चाहती हैं कि जब उनके

बेटियाँ-बेटे करें आरम्भ पाथना

अपनी जिन्दगी 

तो बना सकें अद्भुत आकार 

गृहस्थी का 


अच्छी माएँ डाँटने से नहीं 

झूठमूट के दुलराने से डरती हैं 

क्योंकि अच्छी माँएँ

कोयल नहीं बया होती हैं!


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